त्रिफ़ला खाने के अद्भुत फ़ायदे, उपयोग और नुकसान | Triphala Powder Uses and Side effects in Hindi

त्रिफला शब्द 'त्रि' अर्थात तीन और 'फला' अर्थात फल शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ हुआ तीन फल वाला या तीन फल। त्रिफला तीन फलों से मिलकर बना होता है जो निम्नलिखित हैं -

o    हरड़ (हरितकी),

o    बहेड़ा (विभीतकी) और

o    आंवला


जब  उपरोक्त  तीन  फलों  को  बीज  निकलकर  1:2:3  की  मात्रा  या  अनुपात  में  मिलाते हैं  तब  त्रिफला बनता है। मुख्यतः तो लोग त्रिफला का प्रयोग पाचन तंत्र को दुरस्त रखने के लिए करते हैं लेकिन उसके अलावा भी त्रिफला के बहुत से अद्भुत फ़ायदे हैं। आज हम आपको त्रिफला से होने वाले फायदे, नुकसान, त्रिफला को इस्तेमाल करने का तरीका और कुछ जरूरी बातें बताएंगे।

Triphala Powder Uses and Side effects in Hindi



त्रिफला चूर्ण खाने के अद्भुत फ़ायदे / Triphala Powder Benefits in Hindi


1.)  पाचन तंत्र :-  आजकल की आधुनिक जीवन शैली के कारण दुनिया के अधिकतर लोग किसी न किसी पाचन समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों को गैस, एसिडिटी या पेट में आंव बनने की समस्या से गुज़रना पड़ता है और मेहेंगे इलाज में पैसा बर्बाद करना पड़ता है जबकि इन पाचन तंत्र की समस्यायों को तो त्रिफला के नियमित सेवन से ठीक किया जा सकता है। जब किसी को पाचन तंत्र की समस्या हो जाती है तब वह जो भी खाता है वह शरीर में नहीं लगता इससे कमजोरी भी महसूस होती है, अगर आपको भी कोई भी पाचन सम्बन्धी कोई समस्या है तो जल्द से जल्द त्रिफला का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए। 


2.)  कब्ज़(कॉन्स्टिपेशन):- मल त्यागने में कठिनाई होना या पेट का सुबह साफ़ न होना ही constipation यानि कब्ज़ होता है। अनियमित खानपान, भाग दौड़ भरा जीवन जीने से कब्ज़ की समस्या हो जाती है जिससे इंसान में सुस्ती भी महसूस होती है जबकि गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण लेने से कब्ज़ में राहत मिलती है। त्रिफला का सेवन आँतों को भी साफ़ रखता है। 


3.)  वजन नियंत्रण या मोटापा :- कुछ लोग वजन ज्यादा होने से परेशान होते हैं तो वहीं कुछ लोग अत्यधिक वजन को लेकर शिकायत करते हैं, त्रिफला के सेवन से पाचन क्रिया सही रहती है जिससे वजन नियंत्रण में साहयता मिलती है। मोटापा कम करने के लिए त्रिफला के काढ़े(गुनगुना) में शहद मिलाकर लिया जा सकता है। और अगर चर्बी कम करनी है तो त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी में अच्छे से उबालकर और शहद मिलाकर ले सकते हैं। 


4.)  आँखों के लिए व अन्य नेत्र रोग :-  आँखों में जलन हो, आँखों की रोशनी कम हो, मोतियाबिंद हो या आँखों का कोई अन्य दोष, त्रिफला के सेवन से राहत दिला सकता है। त्रिफला चूर्ण से आँखों को धोने से आँखों की तकलीफ में आराम मिलता है। दस ग्राम गाय का घी, पांच ग्राम शहद और एक चम्मच त्रिफला के सेवन से आँखों की रौशनी लम्बे समय तक बढ़ाई जा सकती है।


5.) कमजोरी व याददास्त :- अगर शारीरिक कमजोरी महसूस होती है तो त्रिफला का सेवन अवश्य करें। जो लोग त्रिफला का इस्तेमाल करते हैं उनकी याददास्त भी अछि होती है। कमजोरी के लिए त्रिफला को घी शक्कर के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। 


6.) पेट के कीड़े :- यदि पेट में कीड़े हैं तो त्रिफला का इस्तेमाल करें। त्रिफला पेट के कीड़ों के साथ ही रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में सहायक है। 


7.) ब्लड प्रेशर :- ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है लेकिन आजकल काफी लोग इससे जूझ रहे हैं  और अगर ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में न रखा जाये तो कई समस्यांए हो सकती हैं जैसे हार्ट अटैक, ब्लड क्लॉटिंग, आदि। उच्च रक्तचाप व निम्न रक्तचाप दोनों में ही त्रिफला का सेवन कारगर है। 


8.) रोग प्रतिरोधक क्षमता :- जी हाँ हम इम्युनिटी की बात कर रहे हैं और आज के कोरोना काल में मजबूत इम्युनिटी की जरूरत बताने की आवस्यकता किसी को नहीं है। बात केवल कोरोना
तक सीमित नहीं है रोग प्रतरोधक क्षमता तो मजबूत होनी ही चाहिए और त्रिफला के इस्तेमाल से  प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 


9.) डायबिटीज़ :- शरीर में खून की मात्रा को नियमित रखना त्रिफला का एक अच्छा कार्य होता है। त्रिफला पैंक्रियास को उत्तेजित करने में सहायक है जिसके फल स्वररूप इन्सुलिन बनता है।


10.) लिवर :- ज्यादा शराब पीना अथवा आजकल की खानपान की बुरी आदतें लिवर पर बुरा असर डालती हैं त्रिफला का सेवन करने से लिवर साफ़ व स्वस्थ्य रहता है। 


11.) खून की कमी :-  खून की कमी के लिए भी त्रिफला का इस्तेमाल किया जा सकता है।


12.)  सिर दर्द में :- नीम के अंदर की छाल, चिरायता, गिलोय, हल्दी, और त्रिफला को आधा किलो पानी में ढाई सौ ग्राम रहने तक पकाएं। इसे छानकर सुबह शाम गुड़ या शक्कर के साथ इस्तेमाल करें आराम मिलेगा। 


13.) किडनी के लिए :- शराब पीने या अन्य कारणों से किडनी खराब हो जाती है, त्रिफला के सेवन से पेट और किडनी दोनों साफ़ रहती हैं। 


14.) रक्त साफ़ करने के लिए :- त्रिफला में रक्त को साफ़ करने वाले गुड़ पाए जाते हैं।


15.) त्वचा के लिए :- त्रिफला में त्वचा से दूषित पदार्थ हटाने वाले गुड़ पाये जाते हैं जिससे त्वचा के निसान, झुर्रियां दूर करने में सहायक होते हैं। 


16.) दातों के लिए :- एंटी इन्फ्लैमेट्री व एंटी बैक्टीरियल गुड़ों के कारण दातों व मसूड़ों की विभिन्न समस्यायों में लाभप्रद है त्रिफला। 


17.) दोषों के लिए :- शरीर में वात, पित्त व् कफ को बैलेंस करता है त्रिफला।  


त्रिफला का उपयोग कैसे करें | How to use triphala powder in Hindi


  1.  रात में खाने के बाद ले सकते हैं।  
  2.  खाली पेट गुनगुने पानी में ले सकते हैं। 
  3.  एक चम्मच चूर्ण सोने से पहले गुनगुने पानी में ले सकते हैं। (कब्ज़ के लिए रात में लेना सही है।)

त्रिफला के नुकसान | Side-effects of triphala churna in Hindi


  1.  5 - 6 साल से छोटे बच्चों को न दें। 
  2.  कुछ लोगों को रात में पेशाब ज्यादा  लगता  है त्रिफला सेवन से, अगर ऐसा हो तो न लें वरना नींद खराब होगी। 
  3.  रात में एक दो चम्मच से ज्यादा न लें वरना दस्त भी लग सकते हैं। 
  4.  गर्भवती महिलाएं व स्तनपान कराते वक़्त न लें। 
  5.  त्रिफला का अत्यधिक सेवन या गलत तरीके से सेवन आपको समस्या दे सकता है इसलिए हमारी सलाह है पहले आप किसी वैद्य से परामर्श करलें जिससे आपकी अवस्था के अनुसार आपको लाभ मिल सके, बिना सलाह के लेने से परिणाम विपरीत भी हो सकते हैं। 








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